संवादसूत्र,देवघर:परमेश्वरदयालरोडमेंहोरहेरामकथासेबरमसियामेंभक्तिकीअविरलधाराबहरहीहै।रामकथास्थलपरदोपहरबादभीड़जुटजातीहै।तीसरेदिनकथावाचकपंडितरामअवतारराजगुरुनेकथाकोआगेबढ़ायाऔरकहाकिहमारेभगवानरामकाअवतारपृथ्वीपरअनेकोंअनेककारणसेहुआथा।जैसेजबजबहोयधर्मकीहानिबाड़ेअसुरअधर्मअभिमानी।यानीजबजबपृथ्वीपरअत्याचारऔरपाखंडबढ़ेगातब-तबभगवानकाअवतारइसपृथ्वीपरहोगा।जैसेरावणऔरकुंभकरणमेघनाथकेपापजबबढ़नेलगेतबश्रीरामकाअवतारहुआऔरउनकासंहारकिया।जबकंसकापापधरतीपरबढ़नेलगातबभगवानश्रीकृष्णअवतारलेकरकंसकाविध्वंसकिया।कभीकभीभगवानअपनेभक्तोंकेलिएभीअवतारलेतेहैं।जैसेनारदजीकोविश्वमोहनीसेविवाहकरनाभगवानश्रीहरिसेहरिरूपमांगनाऔरउनकीइच्छापूर्णनाहोनेपरभगवानसेरुष्टहोकरमनुष्यअवतारकाश्रापदेदिया।कितुबादमेंहरिभगवाननेअपनीमायाकोहटायातोवहांनातोविश्वमोहिनीऔरनाहीलक्ष्मीयहतोहरिकीमायाथी।भक्तोंकोबचानेकेलिएअपनेअवतारधारणकरतेहैं।इसकलयुगमेंभीभगवानकाअवतारहोगाऐसाशास्त्रोंमेंवर्णितहै।कालीकारूपमेंभगवानअवतरितहोंगेऔरधर्मकीरक्षाकरेंगे।भगवानभक्तवत्सलहोतेहैंअपनेभक्तोंकेलिएहमेशाअपनीकृपाऔरदयाबनाएरखतेहैं।इसलिएसच्चेहृदयसेजोकोईभगवानकीपूजाऔरव्रतकथासुनतेहैंउनकीभगवानहमेशासुनतेहैं।देरशाममहाआरतीकेसाथकथाकोविरामदियागया।यज्ञसमितिकेसदस्यदिन-रातलगेहुएहैं।यज्ञकोलेकरआसपासकेलोगकथासुननेकेलिएबड़ीसंख्यामेंकथास्थलपरपहुंचरहेहैं।कथाकोलेकरआसपासकामाहौलभक्तिमयबनाहुआहै।