भक्ति से ही आत्मा व परमात्मा का मिलन संभव

संवादसूत्र,कोटकपूरा:श्रीदुर्गामातामंदिरदेवस्थानमद्वाराकोटकपूराशहरमेंसातदिवसीयश्रीमद्भागवतकथाकाबुधवारकोसातवेंदिनसमापनहोगया।समागमकेअंतिमदिवसमेंकथाप्रसंगकीचर्चाकरतेहुएसर्वश्रीआशुतोषमहाराजजीकीशिष्यासाध्वीगौरीभारतीनेरुक्मिणीऔरकृष्णविवाहप्रसंगकावर्णनकिया।इसदौरानउन्होंनेकहाकिरुक्मिणीऔरभगवानकृष्णजीकाविवाहकोईसांसारिकविवाहनहींथा।

यहआत्माऔरपरमात्माकामिलनथा।जबतकआत्माऔरपरमात्माकामिलननहींहोतातबतकभक्तिकीशुरुआतनहींहोतीऔरभक्तितबतकशुरूनहींहोती,जबतकजीवनकेअंदरपूर्णसतगुरुनहींआजातेहैं।जबजीवनमेंपूर्णगुरुकाआगमनहोताहैतोवहसहीढंगसेभक्तिकरनेकीसहीविधिबतातेहैं।साध्वीजीनेबतायाकिपूर्णगुरुवहहैजोपरमात्माकादर्शनघटकेभीतरमेंहीकरवातेहैं।परमात्माकावास्तविकरूपज्योतिस्वरूपहै।गुरुजबजीवनमेंआतेहैंतोसबसेपहलेवहहमारादिव्यनेत्रखोलहमेंअंदरकीओरलेकरजातेहैं।यहीपूर्णगुरुकीनिशानीहैकिवहहमेंहमारेमनमंदिरमेंपरमात्माकाघरदिखादेतेहैं।प्रत्येकदिनकीभांतिज्योतिप्रज्वलितकीकरनेकीरस्मकोआशोकदिओड़ाप्रधान,राजेंदरकाकड़ियाउपप्रधान,सोमनाथशास्त्री,शक्तिएसडीओबिजलीबोर्ड,राखीकटारिया,सुभाषगर्ग,विजयकुमारी,सुभाषबंसल,मनजीतकुमारनेपूर्णकिया।अंतमेंसाध्वीबहनोंनेसुमधुरभजनोंकागायनकियाऔरप्रभुकीपावनपुनीतआरतीकेसाथकथाकासमापनकियागया।