बेसहारा पशुओं की फिक्र, करा रहे भोजन

जासं,दुद्धी(सोनभद्र):विश्वव्यापीकोरोनामहामारीकेबीचठहरीजिदगानीमेंकुछऐसेचेहरेसमाजकेसामनेआरहेहैं,जोवास्तवमेंकिसीदेवदूतसेकमनहींहै।इसीमेंसेएकहैंकरीबबीस22वर्षीयअनुरागअग्रहरि।आर्थिकविपन्नताकीमारझेलनेकेबावजूदलॉकडाउनकीघोषणाहोनेकेसाथहीतहसीलमुख्यालयएवंआसपासघूमनेवालेविक्षिप्तलोगोंकीसेवाकरनेकीइच्छास्थानीयप्रशासनिकअधिकारियोंकेसमक्षजताई।इसउत्साहीयुवाकीसोचकोसलामकरतेहुएइसेइसकार्यकीनसिर्फअनुमतिप्रदानकी,बल्किऐसेलोगोंकीसेवामेंव्ययहोनेवालेराशनआदिकीभीमुक्कमलइंतजामकिया।इसबीचइसयुवाकोस्वामीरामकृष्णविवेकानन्दसेवाआश्रमसेजुड़ेराजेश्वरबाबूकासाथमिला।इसकेबादतोनसिर्फइंसानबल्किबेजुबानोंकेभीभोजनआदिकीव्यवस्थाइसयुवानेसंभाललिया।जागरणकोअपनीदिनचर्याबतातेहुएअग्रहरिनेबतायाकिसुबहसबेरेउठकरवहसबसेपहलेनिराश्रितनगरमेंभटकनेवालेदर्जनभरविक्षिप्तलोगोंकेभोजनबनानेकेअभियानमेंजुटजातेहैं।करीबदस-ग्यारहबजेतकताजाभोजनकोपैकेटतैयारकरवेमानसिकरूपसेविक्षिप्तकोखोजतेहैं।जोजहांमिलावहींउसेअपनेहाथसेभरपेटभोजनकरातेहैं।इसकेबाददूसरेकीतलाशमेंजुटजातेहैं।सभीकोभोजनकरानेकेबादवेसेवासमितिद्वाराउपलब्धकराएगएपशुआहारकीबोरीलेकरनगरमेंघूमनेवालेबेसहारापशुओंकोभोजनकरानेमेंजुटजातेहैं।लॉकडाउनकेदौरानउनकाकरीब16से18घंटाकासमयऐसेहीलोगोंकीसेवामेंबीतरहेहैं।इसमेंतमामलोगोंकासहयोगभीमिलरहाहै।