जेएनएन,मुजफ्फरनगर।हरसालमानसूनसत्रमेंधरतीपरइतनापानीबरसजाताहैकिउसेसमानेकीजगहनहींरहती।यदिजूनसेसितंबरतकबारिशकापानीसहेजनेकाप्रयासकियाजाएतोपानीकेलिएकिसीकीतरफमुंहनहींताकनापड़ेगा।सालकी80फीसदबारिशअकेलेमानसूनसत्रमेंहोतीहै।ज्यादातरजलस्त्रोतखत्महोचुकेहैंउनकाआकारऔरआयतनसिकुड़चुकाहै।बरसातमेंतालाब,पोखर,नदीनालेउफनजातेहैं,सड़कें,गली,रास्तेआदिसबपक्काहोनेकेचलतेयहपानीजमीनमेंनजाकर,बहताहुआसमुद्रमेंपहुंचजाताहै।यदिअंबरसेबरसापानीधरतीकीकोखमेंपहुंचायाजाएयाफिरउसेसहेजकरसंचयनकियाजाएतोहमेंपानीकेलिएपरेशाननहींहोनापड़ेगा।यदिजलसंचयनकेप्रतिसमाज,संस्थाएं,कंपनियां,किसान,आमआदमीजागरूकनहींहुएतोयहभविष्यकेलिएखतराबनसकताहै।
हमवर्षाजलकासंचयनज्यादासेज्यादाबांधों,कुओंऔरतालाबोंआदिमेंएकत्रकरसकतेहैं।अलग-अलगजगहोंमेंपानीकासंचयनकरनेकेकारणजमीनपरबहकरव्यर्थजानेवालेवर्षाजलकीमात्रामेंकमीआतीहै,जिससेबाढ़जैसीप्राकृतिकआपदाकोरोकनेमेंऔरभूजलकोरिचार्जकरनेमेंस्वाभाविकरूपसेमददमिलतीहै।देशकेऔद्योगिकसंस्थानोंमेंसंचयनकिएहुएवर्षाजलकाउपयोगकंपनीमेंकरकेहमभविष्यकेलिएस्वच्छभूजलकीबचतकरसकतेहैं।गांवोंमेंवर्षाजलसंचयनसेअधिकपानीएकत्रकियाजासकताहै।इसपानीसेकिसानसिचाईकरअपनेकाफीखर्चकोबचासकताहै।सबसेअधिकजलकृषिक्षेत्रमेंहीइस्तेमालहोताहै।वर्षाजलसंचयनकिसानोंकेलिएसबसेकारगरसाबितहोसकताहै।गरमीकेमहीनेमेंआसानीसेपानीकीकिल्लतकोदूरकरसकतेहैं।पानीकीजरूरतोंकोपूराकरनेकेलिएजलसंचयनसबसेआसानऔरपुरानातरीकाहै।यदिहरर्कोठानलेतोहमइससेपारपासकतेहैं।सरकारनेकैचदरेनअभियानसेजलसंरक्षण,संग्रहणऔरसंवर्द्धनकेप्रतिअपनीगंभीरतादिखाईहै।हमेंभीइसमेंसरकारकासहयोगकरघर-घरजलसंचयनकरनाहै।भूजलकेरिचार्जकेलिएबारिशकीबूंदोंकासंग्रहणकरें।पानीकीमितव्ययताकोरोकें।पानीकीमहत्ताकोसमझतेहुएइसकीबूंद-बूंदकोसहेजनेकेलिएआगेआएं।