बाघों का प्राकृतिक वास बना बेंत का जंगल

जैनुलआब्दीन,बहराइच:कतर्नियाघाटवन्यजीवप्रभागमेंबेंतकेजंगलकादायरातेजीसेबढ़रहाहै।वर्तमानमेंपांचसौहेक्टेअरक्षेत्रमेंफैलाबेंतकाजंगलबाघ,तेंदुआवहाथियोंकेलिएप्राकृतिकवासकेमाकूलहै।

कतर्नियाघाटवन्यजीवप्रभागकेमोतीपुर,ककरहा,धर्मापुर,मुर्तिहा,सुजौलीरेंजमेंबेंतकेजंगलपाएजातेहैं।निशानगाड़ावकतर्नियाघाटरेंजमेंबहुतायतमात्रामेंबेंतकेजंगलहैं।कतर्नियाघाटरेंजकेगेरुआनदीपारकौड़ियालाबीटमेंवाहनोंकेसाथलोगोंकाआवागमनबहुतभीअधिकहोताहै।बाघआबादीसेदूरहीरहनापसंदकरतेहैं।ऐसेमेंवहइनघनेजंगलोंवशांतवातावरणमेंअधिकरहतेहैं।कतर्नियाघाटमेंबेंतकेजंगलकाबढ़तादायरापर्यावरणकी²ष्टिसेउपयुक्तमानाजारहाहै।गेरुआनदीपारकौड़ियालाबीटमेंइनदिनोंघनेबेंतकेजंगलदेखेजासकतेहैं।बेंतकेजंगलबाघोंकेप्राकृतिकवासकेरूपमेंमानेजातेहैं।घनाजंगलहोनेकेकारणलगातारबाघोंकाकुनबाबढ़रहाहै।जबकियहांकुछवर्षपूर्वनाममात्रबेंतकेजंगलपाएजातेथे,लेकिनइससमयलगातारबढ़रहाहै।

गेरुआनदीपारबेंतकाजंगललगातारफैलताजारहाहै।यहीकारणहैकिजंगलमेंकुल29बाघहैं,इसमेंएकदर्जनइसक्षेत्रमेंअपनाठिकानाबनाएहुएहैं।

बेंतकाजंगलबाघोंकेरहनेकेलिएउपयुक्तहै।इसजंगलकेबढ़नेसेबाघोंकोरहनेमेंसुविधाहोतीहै।यहपर्यावरणऔरवन्यजीवोंकेलिएअच्छासंकेतहै।

-यशवंत,प्रभागीयवनाधिकारी