बागपत,जेएनएन।पाबलाबेगमाबादगांवकेबाबाबैद्यनाथकेमंदिरमेंबाबाबैद्यनाथकेदर्शनकरनाबहुतहीआसानहै।गांवकेबीचमेंमंदिरस्थापितहै।पूरबऔरपश्चिममार्गसेमंदिरमेंपहुंचाजासकताहै।मंदिरकाइतिहासकाफीप्राचीनहै।दूरदराजसेलोगपूजा-अर्चनाकरनेकेलिएआतेहैं।उनकीसभीमनोकामनाएंपूरीहोतीहैं।हरत्योहारपरश्रद्धालुविभिन्नविधियोंसेपूजाकरतेहैं।सुबहऔरशामकोभीयहांश्रद्धालुओंकातातालगारहाहै।इतिहास
गांवदेवभूमिपाबलामेंस्थितप्राचीनबाबाबैद्यनाथकामंदिर1112वर्षपुरानाहै।पूर्वजबतातेहैंकिगांवकीस्थापनाकेतत्पश्चातग्रामवासियोंनेदेखाकिएकगायहमेशाआतीथीऔरझाड़ियोंमेंखड़ीहोतीथी।उसकेथनोंसेस्वयंदूधटपकनाशुरूहोजाताथा।इसकेबादग्रामवासियोंनेवहांकीसफाईकराईतोउन्हेंशिवलिगदिखाईदिया।तबग्रामवासियोंनेवहांमंदिरकीस्थापनाकराई।करीब909ईसवीमेंबाबाबैद्यनाथकेमंदिरकीस्थापनाहुई।तबसेयहांदूर-दराजसेलोगपूजाकरनेकेलिएआतेहैं।मान्यताइतनीहैकिजोभीयहांसच्चेमनसेमन्नतमांगताहै,उसकीवोकुछहीसमयबादपूरीहोजातीहै।हरवर्षछठपरहरवर्षतीनदिनकामेलालगताहै,जिसमेंदूरदराजसेलोगपूजाअर्चनकरनेकेलिएआतेहैं।मनोकामनापूर्णहोनेपरपीतलकेघंटेबाबाकेचरणोंमेंअर्पितकरतेहैं।यहां101किलोकेघंटेएवं101किलोकापीतलकात्रिशूलस्थापितहै।तैयारियां
सावनमासमेंशिवरात्रिकेपर्वपरमंदिरमेंविशेषपूजाहोतीहै।जन्माष्टमीपर्वभीयहांबड़ेधूमधामसेमनायाजाताहैऔरभादोमाहमेंबाबाबैद्यनाथमेंछठमेलेकाआयोजनहोताहै।शिवरात्रिपरविशेषपूजाहोतीऔरदूरदराजसेलोगआतेहैं।सावनमाहकेप्रत्येकसोमवारकोबाबापूजाअर्चनकरनेकेलिएभक्तोंकीभीड़उमड़ीथी।मंदिरसमितिकीओरसेश्रद्धालुओंकीसुरक्षाकापूराप्रबंधकियाजातहै।पुलिसऔरप्रशासनकभीपूरासहयोगरहताहै।
बाबाबैद्यनाथमंदिरकइतिहासकाफीप्राचीनहै।यहांसाक्षातभगवानभोलेनाथकावासहै।सच्चेमनसेमांगीमन्नतेंबाबाबैद्यनाथपूरीकरतेहैं।सावनहोयानवरात्र,यहांश्रद्धालुपूजाकरनेपहुंचतेहैं।
गजानंदगिरीमहाराज:,मंदिरकेमहंतमंदिरमेंश्रद्धालुओंकीभीड़उमड़तीहै।सच्चेमनसेजोभीभक्तयहांमन्नतेमांगताहैउसीबाबापूरीकरतेहैं।श्रद्धालुओंकामंदिरसेविशेषलगावहै।
विक्रमधामा,श्रद्धालु