मंदिरकानाम-आनंदेश्वरमंदिरजागरणसंवाददाता,औरैया:क्षेत्रकेगांवबूढ़ादानामेंआनंदेश्वरमंदिरस्थापितहै।कईगांवोंवजनपदकेशिवभक्तोंकीआस्थाकाकेंद्रहै।पूरेवर्षयहांपरधार्मिकआयोजनहोतेरहतेहैं।रुद्राभिषेक,महामृत्युंजयजप,शिवसाधनाकेकईकार्यक्रमश्रावणमासमेंहोतेहैं।पूरेवर्षभरमाताएंबहनेंशिवार्चनकरमनौतियांमनातीहैं।अन्यमंदिरोंकीतरहहीयहसिद्धपीठमेंशुमारहै।श्रावणमाहमेंभक्तोंकीभीड़मंदिरमेंरहतीहै।दूर-दराजसेशिवभक्तआतेहैं।
मंदिरकाप्राचीनतमइतिहास
मंदिरमेंशिवलिगकीस्थापना11वींसदीकीबताईजातीहै।कन्नौजकेराजाजयचंदनेशिवलिगकीस्थापनाकराईथी।मंदिरमेंशिवपरिवारकेसाथअन्यकईदेवोंकेविग्रहस्थापितहैं।यहांपरभक्तोंकाजमावड़ारहताहै।सुबहशामआरतीकेबादभजनकीर्तनमेंसैकड़ोंश्रद्धालुरोजानाशामिलहोतेहैं।मंदिरपरिसरमेंरामदरबारकेसाथहीहनुमानजीकीआदमकददक्षिणमुखीमूर्तिस्थापितहै।मंदिरमेंशिल्पकलाकाअछ्वुतचित्रणकियागयाहै।मंदिरवकिलापुरानीककैयाईटोंसेनिर्मितहै।मंदिरकेपरिकोटेमेंदेवताओंकीसुंदरमूर्तियांबनाईगईहैं।
हनुमानजीकीमूर्तिहमेशाश्रीरामकेदर्शनकरतेदिखतीहै।यहांपरनंदीकाविशालकायविग्रहस्थापितहैजोजनपदमेंअद्वितीयहै,अन्यमंदिरोंमेंइसआकारकेनंदीकेदर्शननहींहोतेहैं।मंदिरसेहरकिसीकीआस्थाजुड़ीहुईहै।कोईभीभक्तिशिवदरबारसेआजतकनिराशनहींलौटाहै।शादीआदिकार्यक्रमोंमेंयहांपरविशेषपूजाअर्चनाकरनेलोगआतेहैं।कईजनपदोंकेलोगआनंदेश्वरकेदर्शनकेसाथकलाकृतियोंकाअवलोकनकरनेयहांपहुंचतेहैं।
मंदिरकीव्यवस्थाओंमेंपूरेगांवकेभक्तसहयोगकरतेहैं।यहांनित्यआरतीपूजनवअन्यव्यवस्थाएंसंभालेहुएहैं।श्रावणमासमेंप्रतिसोमवारभक्तोंकीसंख्यामेंबढ़ोत्तरीहोजातीहै।
मंदिरकेआसपासकीसाफसफाईवअन्यव्यवस्थाओंकीजिम्मेदारीगांवकेलोगमिलकरसंभालेहुएहैं।गांवकेलोगहरतरहकीव्यवस्थामेंपूर्णसहयोगकरतेहैं।शिवकीकृपासेहजारोंभक्तोंमान्यताएंपूरीहोतीहैं।उनकीभीकईमनौतियांपूरीहुईहैं।-मोहितसिंह