अंकुरित भगवती, जफरा

बिस्फीप्रखंडकेग्रामीणक्षेत्रमेंजफरागांवमेंअंकुरितभगवतीमंदिरमेंसालोंभरभक्तोंकाआना-जानालगारहताहै।यहांआनेवालेभक्तोंकीअंकुरितभगवतीमनोकामनाएंपूरीकरतीहैं।शारदीयनवरात्रमेंयहांभक्तोंकीभीड़बढ़जातीहै।इतिहास

यहपौराणिकस्थलहै।निर्जनसेस्थानमेंसिमरीवजफरागांवकेमध्यसड़ककिनारेअंकुरितभगवतीविराजमानहैं।करीबदोसौवर्षपूर्वइसस्थलकापताचला।पताचलतेहीस्थानीयलोगोंद्वारापूजा-अर्चनाशुरुकरदीगई।प्रारंभमेंस्थानीयकमलनाथमिश्रद्वाराउक्तस्थलपरमंदिरनुमाफूसकेघरमेंभगवतीकीपूजा-अर्चनाशुरुकीगई।धीरे-धीरेभगवतीकीमहिमाचहुंओरफैलनेलगी।विशेषताएंवर्षोंपूर्वतत्कालीनदरभंगामहाराजद्वारायहांमंदिरकानिर्माणकरायागया।दरभंगामहाराजद्वारानिर्मितमंदिरकीस्थितिखराबहोनेकेबादवर्ष1998मेंस्थानीयलोगोंवश्रद्धालुओंकीमददसेमंदिरकोनयारूपदियागया।वर्षोतकजलदेवमिश्राद्वाराअंकुरितभगवतीकीपूजा-अर्चनाकरतेरहे।मंदिरकाबड़ापरिसरश्रद्धालुओंकेलिएकाफीसुविधाजनकहोरहाहैं।

'भगवतीयहांआनेवालेहरभक्तोंकेदुखकोदूरकरतीहैं।नवरात्रामेंसंध्याआरतीमेंहजारोंलोगशामिलहोतेहैं।दुर्गापूजाकेमौकेपरदूर-दूरसेलोगदर्शनकोआतेहैं।'

-रतीशकुमारमिश्र,पुजारी

फोटो1एमडीबी44'यहांकीमहिमाअपरंपारहै।माताकेदरबारमेंभक्तजोभीमनोकामनालेकरआते,मातासुनतीहैं।शारदीयनवरात्रमेंदर्शनमात्रसेमनवांछितफलोंकीप्राप्तिहोतीहै।'

-वशिष्ठनारायणझा,अवकाशप्राप्तसैनिक