Alopashankari Mandir: प्रयागराज का एक ऐसा शक्तिपीठ, जहां देवी के मूर्ति की नहीं, उनके 'पालने' की होती है पूजा

प्रयागराज,जेएनएन।मांदुर्गाकेकईस्वरूपहैं,जिनकेदर्शन-पूजनकेलिएशक्तिपीठोंमेंदेवीभक्तोंकीभारीभीड़उमड़तीहै।देवीकेइनमंदिरोंमेंअपनेविभिन्नरूपोंमेंमांविद्यमानहैं।प्रत्येकमंदिरमेंमांकेकिसीनकिसीअंगकेगिरनेकीमूर्तनिशानीमौजूदहै,लेकिनसंगमनगरीमेंमांसतीकाएकऐसाशक्तिपीठमौजूदहैजहांनमांकीकोईमूर्तिहैऔरनहीकिसीअंगकामूर्तरूपहै।अलोपशंकरीदेवीकेनामसेविख्यातइसमंदिरमेंलालचुनरीमेंलिपटेएकपालनेकापूजनऔरदर्शनहोताहै।

मंदिरकेस्थानपरहीगिराथामांसतीकेदाहिनेहाथकापंजा

प्रयागराजमेंदारागंजसेरामबागकीओरजानेवालेमार्गपरअलोपशंकरीकामंदिरस्थितहै।इन्हींकेनामपरयहांअलोपीबागमुहल्लाआबादहै।मंदिरकीदेखरेखकरनेवालेमहंतजमुनापुरी,रविंद्रगिरीऔररामसेवकगिरीजीमहराजकाकहनाहैकिइसमंदिरकापुराणोंमेंभीवर्णनमिलताहै।बतायाकिमांसतीकेदाहिनेहाथकापंजायहांगिरनेकेबादविलुप्तहोगयाथाजिसकेकारणमंदिरकोनामअलोपशंकरीपड़ा।स्थानीयलोगइसेअलोपीदेवीकेनामसेभीजानतेहैं।

मंदिरकेगर्भगृहमेंबनेकुंडकेऊपरलगाहैपालना

मंदिरकेगर्भगृहमेंबीचोबीचएकचबूतराबनाहैजिसमेंएककुंडभीहै।कुंडकेऊपरचौकोरआकारमेंलकड़ीकाएकपालनायाझूलाभीरस्सीसेलटकतारहताहैजोएकलालकपड़े (चुनरी)सेढंकारहताहै।किवदंतीकेअनुसारमांसतीकीदाहिनीकलाईकापंजाइसीस्थानपरगिराथाजहांपरकुंडाबनाहै।मंदिरकेसेवकगुड्डूचौबेकेअनुसारइसकुंडकेजलकोचमत्कारिकमानाजाताहै।इसलिएयहांपरआनेवालेश्रद्धालुइसकुंडकेपवित्रजलकाआचमनभीकरतेहैं।

मंदिरआनेवालेश्रद्धालुपालनेकीहीपूजाकरतेहैं

इसअनूठेमंदिरमेंआनेवालेभक्तकिसीप्रतिमाकीनहीं,वरनझूलेयापालनेकीहीपूजाकरतेहैं।श्रद्धालुकुंडसेजललेकरपालनेपरचढ़ातेहैंऔरचबूतरेकीपरिक्रमाकरमांसतीकाआशीर्वादलेतेहैं।यहांपरमांकोकेवलनारियलऔरपुष्पहीचढ़ताहै।दूर-दूरसेश्रद्धालुमांकीपूजा-अर्चनाकेलिएआतेहैं।नवरात्रमेंयहांपरमेलालगताहै।लोगमन्नतपूरीहोनेपरकड़ाहीभीचढ़ातेहैंऔरहलवापूड़ीकाभोगमांकोअर्पितकरनेकेबादअपनेपरिवारसंगप्रसादकेरूपमेंखातेहैं।

पालनेकादर्शन-पूजनकरनेसेपूरीहोतीहैमनोकामना

मान्यताहैकिअलोपशंकरीमंदिरमेंपालनेकीपूजाकरनेऔरकलाईपररक्षासूत्रबांधनेवालेहरदेवीभक्तकीमन्नतपूरीहोतीहै।हाथमेंधागाबंधेरहनेतकदेवीमांउसकीरक्षाकरतीहैं।नवरात्रमेंइसमंदिरमेंमातारानी काश्रृंगारतोनहींहोतालेकिनउनकेसभीस्वरूपोंकापाठकियाजाताहै।नवरात्रमेंयहांकाफीभीड़होतीहै।मांकादर्शनपानेकेलिएलोगोंकोघंटोंप्रतीक्षाकरनापड़ताहै।सोमवारऔरशुक्रवारकोमंदिरपरमेलालगताहै।मंदिरमेंप्रसादकीतमामदुकानेंहैंजिनपरमांकोअर्पितकरनेकेलिएनारियल,चुनरी,पुष्पआदिमिलतेहैं।दूसरेकिस्मकीदुकानेंभीहैंजिनपरसिंदूर,चूड़ीऔरअन्यश्रृंगारप्रसाधनकेसाथबच्चोंकेखिलौनेमिलतेहैं।