नयीदिल्ली,18अगस्त:भाषा:सैनिकोंकाशौर्यअकसरआमलोगोंकोअचंभितकरताहै।लोगआजभीयहसोचकरहैरानहोतेहैंकिभारतीयवायुसेनाकेविंगकमांडरअभिनंदनवर्धमाननेपुरानेमिग21बाइसनविमानसेपाकिस्तानकेएफ16जैसेलड़ाकूविमानकोकैसेमारगिराया,लेकिनवहयहनहींजानतेकिदुनियाकीकोईमशीनएकभारतीयसैनिककेहौंसलेऔरजज्बेसेमजबूतनहींहोसकती।इससालफरवरीमेंअभिनंदनवर्धमानपूरेदेशकेसुपरहीरोहोगए,जबउन्होंनेअपनेमिग21विमानसेनसिर्फपाकिस्तानकोअमेरिकासेमिलेअत्याधुनिकएफ16कोमारगिराया,बल्कितीनदिनतकदुश्मनकीहिरासतमेंरहनेकेबादपूरेसम्मानकेसाथवापसलौटआए।भारतसरकारनेयुद्धकालमेंबहादुरीकेलिएदियाजानेवालातीसरासबसेबड़ासैन्यसम्मान‘वीरचक्र’देकरउनकीवीरताकासहीमायनेमेंअभिनंदनकियाहै।उसघटनाक्रमकोयादकरेंतोभारतने26फरवरीकोबालाकोटमेंआतंकवादियोंकेठिकानोंकोनिशानाबनायातोउसकेअगलेदिनपाकिस्ताननेअपनीखीझउतारनेकेलिएअत्याधुनिकएफ16सेगीदड़भभकीदेनेकीकोशिशकी।विंगकमांडरअभिनंदनकोजैसेहीदुश्मनकेइसदुस्साहसकीभनकमिलीवहअपनामिग21विमानलेकरहमलावरविमानोंकोखदेड़नेनिकलपड़े।अभिनंदनद्वाराअपनेमिग21बाइसनविमानसेअमेरिकाकेसबसेउन्नतविमानएफ16कोमारगिरानाकिसीचमत्कारसेकमनहींथा,लेकिनइसदौरानवहदुश्मनकेइलाकेमेंचलेगएऔरउनकाविमानदुर्घटनाग्रस्तहोगया।पैराशूटसेउतरेविंगकमांडरनेदुश्मनकेहाथमेंपड़नेसेपहलेसमझदारीकापरिचयदियाऔरतमामसामरिककागजातनष्टकरदिए।दुश्मनकीसेनाकीहिरासतमेंरहतेहुएभीउन्होंनेदेशकीवायुसेनाऔरअपनेबारेमेंकोईभीसंवेदनशीलजानकारीदेनेसेपूरीसख्तीसेइंकारकरदियाऔरअपनीजानहथेलीपरलिएचायकीचुस्कियांलेतेनजरआए।उनकेजीवनऔरपारिवारिकपृष्ठभूमिपरनजरडालेंतो21जून,1983कोजन्मेअभिनंदनकाभारतीयवायुसेनाकेसाथपीढ़ियोंपुरानारिश्ताहै।वहआजमिग-21उड़ातेहैंऔरउनकेपितासिंहकुट्टीवर्धमानमिग-21उड़ाचुकेहैं।पांचवर्षपहलेहीसेवानिवृत्तहुएअभिनंदनकेपितादेशकेउनचुनिंदापायलटमेंसेहैं,जिनकेपास4000घंटेसेज्यादातक40तरहकेविमानउड़ानेकाअनुभवहै।वहकरगिलयुद्धकेदौरानवायुसेनाकीमिराजस्क्वाड्रनकेचीफआपरेशंसआफिसरथे।अभिनंदनकेदादाभीभारतीयवायुसेनामेंरहेहैं।इसलिहाजसेकहेंतोदेशभक्तिऔरदेशकेलिएकुछकरनेकाजुनूनउन्हेंविरासतमेंमिलाहै।तमिलनाडुकेतिरूवन्नामलाईजिलेकेरहनेवालेअभिनंदनकेदादाऔरमातापिताकेअलावाउनकीपत्नीऔरभाईभीवायुसेनासेजुड़ेरहेहैं।उन्होंनेस्कूलकेदिनोंकीअपनीसाथीतन्वीमरवाहसेविवाहकियाहै।तन्वीभीवायुसेनामेंस्क्वाड्रनलीडररहीहैं।दोनोंबहुतछुटपनसेएक-दूसरेकेसाथीरहेहैंऔरस्कूलीशिक्षापूरीकरनेकेबाददोनोंनेमाइक्रोबायोलॉजीमेंआगेकीपढ़ाईभीएकसाथहीकी।दोनोकेदोबच्चेहैं।देशसेवाऔरबहादुरीमेंअभिनंदनकीमांडा.शोभावर्धमानकाभीकुछकमयोगदाननहींहै।अपनेपरिवारऔरबच्चोंकेप्रतिअपनेदायित्वोंकानिर्वहनकरनेकेसाथहीउन्होंनेमानवताकीसेवामेंअपनापूराजीवनलगादिया।वहदुनियाभरमेंमुफ्तमेंचिकित्सासेवाएंदेनेवालेस्वयंसेवकोंमेंशामिलरहीहैं।मद्रासमेडिकलकॉलेजसेस्नातकडा.शोभानेरॉयलकॉलेजआफसर्जन्सऑफइंग्लैंडसेस्नातकोतरकीउपाधिली।वहयुद्धरतदेशोंमेंहजारोंमाताओंकोप्रसवकेबादहोनेवालीदिक्कतोंसेउबारनेमेंमददकरतीरहीहैं।अपनीजानजोखिममेंडालकरअपनेदेशऔरमानवताकीसेवाकोतत्परएकमांकेबेटेकाजिगरहीऐसाहोसकताहै।