आओ बचाएं नीम नदी : गोष्ठी में अध्यापकों ने बांटे अपने अनुभव, श्रमदान का लिया संकल्प

हापुड़[मनोजत्यागी]।नीमनदीकोपुनर्जीवितकरनेकोलेकरअध्यापकोंनेश्रमदानकासंकल्पलिया।दैनिकजागरणकेआह्वानपरमंगलवारकोएलएनपब्लिकस्कूलमेंगोष्ठीकाआयोजनकियागया।इसमेंस्कूलकेअध्यापकोंनेअपनेअनुभवबांटे।नीमनदीकेअभियानसेजुड़ेखेलप्रशिक्षकमदनसैनीनेगोष्ठीमेंउपस्थितशिक्षकगणोंकोनदीकेबारेमेंविस्तारसेबताया।कहाकिनीमनदीक्षेत्रकेलिएजीवनदायिनीहोगी।आजजबइसनीमनदीकेपुन:उद्भवकेलिएसंघर्षसेजुड़रहेहैं।

लोगोंकेलिएआनेवालाकलरोमांचपैदाकरनेवालापलहोगा,क्योंकिवहआनेवालीपीढ़ियोंकेलिएधरोहरकोसंरक्षितकररहेहैं।जैसेबड़ी-बड़ीइमारतेंबड़ी-बड़ीखनिकखदानेंहमारेलिएधरोहरहैं।उसीतरहसेनदियांभीहमारेलिएधरोहरहैं।इनकोसंरक्षितकरनेकेलिएहमसभीकोहमेशामिलकरप्रयासकरतेरहनाहोगा।जिसप्रकारसमुद्रपरसेतुनिर्माणमेंरामजीकीसेनाकाभील,बंदर,रीछकायोगदानथा,उसीतरहसेउसमेंएकछोटीगिलहरीबार-बारसमुद्रमेंडूबकीलगाकररेतमेंजाकरलेटतीथीऔरउसेलगाकरपत्थरोंपरझाड़तीथी।इसीतरहसेगिलहरीजैसाश्रमदानकाप्रयासहमसभीकोमिलकरनीमनदीकेलिएकरनाहोगा।दैनिकजागरणकेपवित्रअभियानसेजुड़करहमसभीअपने-अपनेदायित्वनिभाएं।

येअध्यापकभीगोष्ठीमेंहुएशामिलपंडितअभयगौतम,मनीषशर्मा,अशवजपाल,अजीतकुमार,विवेकशर्मा,अनिलकश्यप,यक्षवीरतोमर,राहुलमाधरे,राकेशकुमार,संजयगोयल,लोकेशशर्मा,सागरमित्तल,रोहितकुमार,चानीभारद्वाज,कांतिशर्मा,कवितातोमर,अमनआहलूवालिया,पूजारानी,निधिगोयल,शैलजाशर्मा,संगीतात्यागी,गुरदीपकौर,रेनूचौधरी,पिंकीसैनी,संगीताशर्मा,अनुपमअग्रवाल,निधिवर्मा,अमिताशर्मा,दीपिकागोयल,मनालीअग्रवाल,सूचीकुमार,ऋतुअग्रवाल,सीमात्यागी,डिंपलआनंद,कोमलसिंहल,मीराराणा,काजलगुप्ता,सरिताचौधरीमौजूदरहे।

यहहोलीनीमनदीकेलिएअच्छेसंदेशकेसाथआईहै।नदीकिनारेबससमाजअपनीनदीकेलिएभीकामनाकररहाहै।शीघ्रहीसामाजिकस्तरसेनदीपरश्रमदानकाकार्यबड़ेस्तरसेप्रारम्भहोगा।आशाहैकिअगलीहोलीकेरंगनीमनदीमेंनहाकरहीछूटेंगे।रमनकांतत्यागी(नदीपुत्र)

पानीकीक्याकीमतहोतीहै,इसबातकोसमझनेकेलिएयदिराजस्थानकेबीड़जिलेमेंजाएंतोपानीकीसहीकीमतमालूमहोजाएगी।वहांआजभीपानीकेलिएकईकिमी.दूरजानापड़ताहै।दुबईजैसेशहरमेंआजभीपानीऔरपेट्रोलकीकीमतएकजैसीहै।दैनिकजागरणनेनीमनदीकोपुनर्जीवनदेनेकेलिएमुहिमशुरूकीहै।यहबहुतहीसराहनीयकदमहै।हमसभीकादायित्वहैकिहमसभीपानीकीकीमतकेबारेमेंबताएं।जबभीदैनिकजागरणश्रमदानकेलिएआह्वानकरेगा,हमसभीउद्गमस्थलपरजाकरश्रमदानकरेंगे।पंकजअग्रवाल,निदेशक,एलएनपब्लिकस्कूल

हमसभीकेजीवनमेंमांकोसबसेज्यादापूजाजाताहै।गंगाभीमांहैऔरनीमनदीभीउसकीसहायकनदीहै।जाहिरहै,वहभीमांहीहै।मांकोबचानेकेलिएहमसभीकोपहलकरनीहोगी।साथहीजलहीजीवनहै,इसबातकोभीसमझनाहोगा।मेरेविचारमेंआर्थिकदंडकीबजाएहमेंअपनीसोचमेंबदलावकरनाहोगा।पानीकीकीमतकोसमझनाहोगा।नीमनदीजीवनदायिनीकेसाथप्रेरणादायिनीभीहै।नीमनदीपरश्रमदानकरउसेउसकेआखिरीमुकामतकजरूरपहुंचाएंगे।

अराधनावाजपेयी,प्रधानाचार्या,एलएनपब्लिकस्कूल

मेरागांवनीमनदीसेकुछहीदूरीपरहै।गांवकेपाससेएकगंगनहरनिकलरहीहै।गर्मियोंकेदिनोंमेंजबभूजलकास्तरकमहोजाताहैतोगांवकेलोगनहरमेंपानीकेआनेकाइंतजारकरतेहैं।जबयहपताचलताहैकिनहरमेंपानीआनेवालाहै,तोवहअपनेमोटरपंपऊपररखलेतेहैं।क्योंकिनहरकेपानीसेपानीकाजलस्तरबढ़जाताहै।नीमनदीबहेगी,तोगांवमेंभूजलस्तरसुधरारहेगा।दैनिकजागरणकेअभियानकोसाधुवाद।ललितकुमार,अध्यापक

मैंगांवमेंतोनहींरहतीलेकिन,किसानकीबेटीहूं।बड़ाकास्तकारतोखेतोंमेंपानीदेनेकेलिएकोईनकोईसाधनजुटालेताहै,लेकिनछोटेकिसानोंकोबहुतदिक्कतहोतीहै।मेरेभाईगर्मीकेदिनोंमेंआसमानकीओरदेखनेलगतेहैं।सभीकोबारिशकाइंतजाररहताहै।दैनिकजागरणनेजोमुहिमनीमनदीकोलेकरशुरूकीहै।वहसभीकेलिएबहुतअच्छीहै।जिसदिननीमनदीमेंकामशुरूहोगा,हमसभीमिलकरउसमेंश्रमदानकरेंगे।अनुपमअग्रवाल,अध्यापक

सबसेपहलेतोदैनिकजागरणकाआभारजिसनेनीमनदीकेमुद्देकोउठायाऔरआजहमसभीकेबीचआकरउसपरचर्चाकी।लोगपानीकीकीमतकोनहींसमझपारहेहैं।जबकि,जलहीजीवनहै।हमेंअपनेपूर्वजोंसेजोमिलाहै,उसेबढ़ाकरयाफिरउसीरूपमेंदेनाहोगा।कोशिशसभीकोकरनीहोगी,तभीलक्ष्यकीप्राप्तिहोतीहै।अभीतकनीमनदीकेबारेमेंसुनतेऔरपढ़तेआरहेथे।आजजबइसेलेकरचर्चाहुई,तोबारीकीसेजानकारीमिली।शशिवत्स,अध्यापक

मैंहरनंदीसेजुड़ाहूं।सभीकेप्रयाससेआजहरनंदीकेआस-पासकेगांवोंमेंजलस्तरबढ़ाहै।नीमनदीकोपुनर्जीवनदेनेकेलिएदैनिकजागरणनेअभियानशुरूकियाहै।यहकाबिलेतारीफकदमहै।नीमनदीकेबहनेकेबादआस-पासकेगांवोंकाजलस्तरभीसुधरेगा।हमसभीदैनिकजागरणकेद्वाराशुरूकिएगएयज्ञमेंश्रमदानकरआहूतिडालेंगे।योगेंद्रपालसिरोही,अध्यापक

स्कूलमेंभीमेराटापिकपानीसेसंबंधितहीज्यादारहताहै।हमसभीकेसाथसरकारकोभीचाहिएकिशहरोंमेंधड़ल्लेसेपानीकेदुरुपयोगकोरोकनेकीव्यवस्थाकरें।दैनिकजागरणनेनीमनदीकोपुनर्जीवितकरनेकेलिएजोमुहिमछेड़ीहै।उसमेंश्रमदानकरकेहमलोगभीइसऐp,li{white-space:pre-wrap;}तिहासिकमुहिमकाहिस्साबनेंगे।

अभयकुमार,अध्यापक

लगातारभूजलस्तरगिररहाहै।मेरेपैतृकगांवमेंबीसवर्षपहलेचोयाऊपररहताथा।पिछलेवर्षमेरागांवमेंजानाहुआतोपताचलाकिसौसेएकसौबीसफीटपरपानीमिलताहै।आजदैनिकजागरणकीइसचर्चामेंशामिलहोनेकामौकामिलाऔरनीमनदीकेबारेमेंजानकारीमिली।नीमनदीमेंश्रमदानकरहमलोगभीइसपलकाहिस्साबनेंगे।

अनुकांबोज,अध्यापक