रुद्रपुर,कंचनवर्मा:उम्र76काआंकड़ापारकरचुकीहै,परउनकाजोशऔरजुनूनदेखतेहीबनताहै।धनऔरपदकीलालसाउन्हेंकभीनहींरहीतोआजभीवहवटवृक्षकीतरहतटस्थहैं।उनकामकसदहै,शिक्षाकोचांदसादमकानाताकिप्रेमरूपीशिक्षाकाअमृतविद्यार्थियोंपरबरसतारहे।हमबातकररहेहैंऐसीकायाकीजोसंकल्पितहैअज्ञानताकाअंधकारमिटानेको।कमहीलोगहोंगेजिन्हेंप्रेमचंदचौहानकेइसत्यागऔरसमर्पणकाज्ञानहोगा।स्वैच्छिकसेवानिवृत्तिलेकरवहपिछले20सालसेनिश्शुल्कशिक्षाकीअलखजगारहेहैं।
प्रेमचंदचौहानमूलरूपसेउत्तरप्रदेशकेबागपतजिलेमेंपालीगांवकेरहनेवालेहैं।सुदूरगांवोंतकशिक्षाकीलौपहुंचानाउनकेजीवनकासंकल्पथा,इसीलिए33सालसेवादेनेकेबादगुड़गांवकेडीएवीस्कूलसेवर्ष1998मेंउन्होंनेस्वैच्छिकसेवानिवृत्तिलेली।पहलेशिक्षकोंकोशिक्षितकरनेवालीसंस्थाडीपीइपीमेंप्रोजेक्टअफसरकेपदपरकार्यकिया।शिक्षकोंकोशिक्षाकेप्रतिझकझोराऔरउन्हेंजिम्मेदारीकापाठपढ़ाया।इसबीचउनकीमुलाकातमहामंडलेश्वरस्वामीधरमदेवसेउनकेआश्रममेंहुई।शिक्षाकेप्रतिप्रेमचंद्रकेलगनकोदेखतेहुएहीस्वामीधरमदेवनेउन्हेंउत्तराखंडकेरुद्रपुर(यूएसनगरजिले)मेंचलाएजारहेस्कूलमेंपढ़ानेकेलिएकहा।
प्रेमचंदराजीहुएपरइसशर्तपरकिवहशिक्षणकार्यकेएवजमेंकोईपैसानहींलेंगे।2003मेंउन्होंनेयहांभूरारानीस्थितभंजुरामइंटरकालेजमेंशिक्षाकाज्ञानबांटनाशुरूकिया।उसवक्तनर्सरीसेदसवींतकतीनसौबच्चेथे।समर्पणहीकहेंगेकिआजयहस्कूलवटवृक्षबनचुकाहै।यहां15सौसेअधिकबच्चेअध्ययनरतहैं।प्रेमचंदस्कूलकेप्रधानाचार्यकीजिम्मेदारीभीनिभारहेहैं।उनकीमेहनतकापरिणामहैकिआजस्कूलकारिजल्टसौफीसदरहताहै।इसस्कूलनेकईटॉपरभीप्रदेशकोदिएहैं।वजह,स्कूलकेसाथहीवहदोघंटेगरीबवकमजोरवर्गकेबच्चोंकोट्यूशनकेलिएभीसमयदेतेहैं।चौहानकामाननाहैकिभगवाननेजोहुनरदियाहै,उसकासदुपयोगकरेंऔरदेशकेभविष्यकोशिक्षाकेउजालेकीओरलेजाएं।
शिक्षाकेलिएपरिवारसेदूरी
प्रेमचंदचौहानकीशादी1965मेंहुईथी।दोपुत्रजयवीरङ्क्षसहऔरपरमवीरङ्क्षसहहैं।पेशेसेसीएजयवीरचाइनाकीजैनपैककंपनीमेंसीनियरप्रेसीडेंटतोपरमवीरएफसीसीकंपनी,गुडगांवमेंडीजीएमहैं।दोनोंहीपरिवारकेसाथहैं।कईबारउन्होंनेपिताकोअपनेपासबुलानेकीकोशिशकीलेकिनप्रेमचंदनहींगए।जबकिउनकीपत्नीकलादेवीपरमवीरकेसाथगुडगांवमेंरहरहीहैं।
हसरतअभीभीपूरीनहीं...
प्रेमचंदकहतेहैंकिजिसलक्ष्यकोलेकरवहयहांआएथे,वहअभीपूरानहींहुआ।उनकाउद्देश्यबच्चोंकोशिक्षादेनेकेसाथहीइसीकैंपसमेंउन्हेंरोजगारपरककोर्सकराकरआत्मनिर्भरबनानेकाहै।विद्यालयकी13एकड़भूमिपरवहछात्रोंकेलिएक्रिकेटएकेडमीखोलनाचाहतेहैं।
यहभीपढ़ें:देश-विदेशजानेकामौकाछोड़करएसटीएचमें24सालसेप्रैक्टिसकररहेहैंडॉ:जोशी
यहभीपढ़ें:बिललेनेकोमौलिकदायित्वमेंशामिलकरेंग्राहक,जानिएइसकेफायदे