शरद मत मंदर मैहर मध्य प्रदेश
15 सितंबर 2016 को जारी निजी कंपनी को जारी पत्र के आधार पर नगर निगम के स्टाफ ने करोड़ों रुपये का घालमेल किया था। प्रापर्टी टैक्स में बड़े बकाएदारों के करोड़ों रुपये बैलेंस सीट में शून्य कर उन्हें सीधे तौर पर लाभ पहुंचा दिया था। मामले का खुलासा हुआ तो जांच करने की बातें तो सामने आई लेकिन आज तक जांच पूरी नहीं हो पाई। इस बार जांच कमेटी ने निगम अफसरों से करीब 5 हजार बैलेंस सीट का रिकार्ड जुटाया है। अब उस बैलेंस सीट में किस-किस कामर्शियल प्रॉपर्टी मालिक को लाभ पहुंचाया गया था इसका खुलासा होने की प्रबल संभावना पैदा हो गई है।