भरत भ्रमण
गौर करने वाली बात ये है कि भाजपा गठबंधन का दावा तो कर रही लेकिन कैसे इस पर अभी भी चुप्पी साधे हुए है। लेकिन हरियाणा में जो कुछ हुआ इससे यह जरूर लगता है कि यह राजनीति का ऊंट कब किस ओर मुंह करके बैठेगा यह सदा अनिश्चित रहता है। बता दें हरियाणा में सबसे अधिक सीटें हासिल करने के बावजूद भाजपा सरकार बनाने से महज 6 सीट दूर थी। जिसके लिए पहले निर्दलीय विधायकों से हाथ मिलाकर सरकार बनाने की बात सामने आयी लेकिन महज 24 घंटे में अचानक भाजपा ने हरियाणा में महज दस माह पुरानी बच्चा पार्टी जेजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया। रोचक बात ये हुई कि चुनाव परिणाम के आते ही दुष्यंत चौटाला की नयी नवेली पार्टी जेजेपी दस सीट जीतकर किंगमेकर की भूमिका में आ गयी थी। लेकिन भाजपा ने पहले उसके साथ सरकार बनाने का सीधा ऑफर देने के बजाय, उसे यह जता दिया कि वह निर्दलीय पार्टियों के साथ मिलकर सरकार बनाने वाली है। तभी विरोधी पार्टी होने के बावजूद जेजेपी ने भाजपा के साथ हाथ मिला लिया और उपमुख्यमंत्री का पद लेकर भाजपा के साथ गठबंधन की सरकार बना ली।