शक पत्र इन हंद
यह कहना है युवा कांग्रेस नेता संदीप अग्निहोत्री का। नेता होने के साथ-साथ डॉ. संदीप अग्निहोत्री डॉक्टर हैं, उनकी पत्नी ज्योति भी डॉक्टर हैं। कोरोना को लेकर प्रदेश में कर्फ्यू का दौर चल रहा है। शहर में करीब पांच से सात हजार लोग गरीब वर्ग से संबंधित है। इन परिवारों के घरों में 12 दिनों से चूल्हा नहीं जल पाया। डॉ. संदीप अग्निहोत्री ने ऐसे परिवारों का पेट भरने के लिए अपनी जेब से खर्च करके रोटियां तैयार करने वाली मशीन लगवाई है। मशीन प्रत्येक घंटे में छह हजार रोटियां तैयार करती हैं। आटा गूंधने से लेकर रोटी तैयार होने तक मशीन को चलाने के लिए किसी की जरूरत नहीं पड़ती। गैस के माध्यम से चलने वाली यह मशीन आटा गूंधकर अपने आप ही रोटियां तैयार करके निकालती है। तीन से चार घंटे में शहर के गरीब लोगों की जरूरत मुताबिक 22 से 25 हजार रोटियां तैयार की जाती हैं। रोटियों के साथ सभी गरीब परिवारों को मौसमी सब्जी और दाल भी सप्लाई की जाती है। इसके लिए दस कारीगर रखे गए हैं। मसाले एकतित्र करना, दाल, सब्जी का प्रबंध करना, मशीन द्वारा तैयार की गई रोटियों को पैक करना, तैयार हुई दाल, सब्जी को शहर की कुल 23 वार्डो के सेवादारों तक पहुंचाने के लिए चेन बनाई गई है।