जंगल जवन
फरवरी 2018 में संसदीय चुनाव होने तक संवैधानिक बाध्यता के मुताबिक, प्रचंड तथा देउबा ने बारी-बारी से सरकार का नेतृत्व करने पर सहमति जताई थी. समझौते के मुताबिक, प्रचंड को निकाय चुनाव होने तक प्रधानमंत्री पद पर बने रहना था, जबकि प्रांतीय तथा केंद्र स्तरीय चुनाव देउबा के प्रधानमंत्रित्व काल में होंगे.