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भारतीय कला संगम के निदेशक रमेश चिब का कहना है कि पिछले दो वर्षो से कलाकारों को बहुत कम मौके मिले हैं। जिन कलाकारों ने काम किया हुआ है। उनका भी भुगतान नहीं हो रहा। कलाकारों को काम पूरा होते ही पेमेंट होनी चाहिए। कलाकारों को एक काम कर लेने के बाद महीनों पेमेंट के लिए अकादमी के चक्कर काटने पड़ते हैं। दूरदर्शन और रेडियो के काम भी पहले की तरह शुरू होने चाहिए ताकि बच्चों को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का मौका मिले। जब मंच ही नहीं मिलेगा तो प्रतिभा का विकास कैसे संभव है।