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कोरोना संक्रमण के चलते लोकल व एक्सप्रेस बसों में यात्रियों की कमी मालिकों के साथ कर्मचारियों के लिए भी चिता का कारण बन गया है। यात्री नहीं मिलने के कारण बस मालिक बस चलाने में असमर्थ हो रहे हैं। राउरकेला से विभिन्न क्षेत्रों के लिए कुल 195 बसों का आवागमन हो रहा है। राज्य के भीतर कटक, भुवनेश्वर, खुर्दा, केंद्रपाड़ा, पारादीप, जगतसिंहपुर, क्योंझर, बालेश्वर, भद्रक, पुरी, ब्रह्मपुर के लिए प्रति दिन 45 बसों का आवागमन होता है। राज्य के बाहर कोलकाता, रांची, टाटा, रायपुर, गया समेत अन्य क्षेत्रों के लिए दो दर्जन से अधिक बसें हैं। इन बसों में यात्री नहीं मिल रहे हैं एवं टिकट की बिक्री नहीं हो रही है। कोरोना की दूसरी लहर खत्म होने के बाद आवागमन लगभग सामान्य हो गया था। कुछ महीने के अंदर स्थिति पूरी तरह से सामान्य होने की उम्मीद थी पर जनवरी के पहले सप्ताह में कोरोना संक्रमण में तेजी आने के कारण बसें खाली जा रही हैं। राउरकेला से भुवनेश्वर तक बस लाने ले जाने में 25 हजार रुपये खर्च होता है। 50 सीट वाली बस में मुश्किल से पांच टिकट बुक हो रहे हैं। पहले 45 बसें चल रही थी अब 29 से भी कम चल रही हैं। जिले के अंदर तथा आसपास चलने वाली बसों की हालत भी पहले जैसी नहीं है। लोगों का आना जाना कम होने से बस चलाना मुश्किल हो रहा है।