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नयी दिल्ली, 25 जनवरी (भाषा) हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने हरियाणा को सतलुज यमुना लिंक नहर का पानी नहीं देने से जुड़े पंजाब की सर्वदलीय बैठक के निर्णय की आलोचना करते हुए शनिवार को कहा कि यह उच्चतम न्यायालय की अहवेलना है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि इस विषय पर हरियाणा सरकार सोई हुई है और केंद्र सरकार भी मुद्दे के समाधान के लिए कोई सार्थक प्रयास नहीं कर रही है। शैलजा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ''सतलुज यमुना लिंक नहर का पानी हरियाणा का हक है और एसवाईएल पर हरियाणा प्रदेश के अधिकार पर उच्चतम न्यायालय ने अपनी मुहर लगाई है। पंजाब के राजनीतिक दलों द्वारा हरियाणा प्रदेश को पानी ना दिए जाने का फैसला न्यायालय की अवहेलना है। '' उन्होंने कहा, '' वर्ष 2016 में उच्चतम न्यायालय ने ऐतिहासिक निर्णय लिया और एसवाईएल निर्माण की जिम्मेदारी का स्पष्ट आदेश केंद्र सरकार को दिया गया।वर्ष 2017 में न्यायालय एक और ऐतिहासिक निर्णय में पंजाब सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें एसवाईएल निर्माण के निर्णय को स्थगित करने की अपील की गई थी। न्यायालय स्पष्ट किया कि एसवाईएल नहर निर्माण के अदालत के निर्णय को हर हालत में लागू किया जाए।'' शैलजा ने कहा, ''वर्ष 2019 में न्यायालय द्वारा दोनों राज्यों को अपने अधिकारियों की कमेटी बनाकर मामला सुलझाने के निर्देश देने के साथ ही साफ कर दिया गया कि अगर दोनों राज्य आपसी सहमति से नहर का निर्माण नहीं करते हैं तो न्यायालय खुद नहर का निर्माण कराएगा।'' उन्होंने कहा, ''आज प्रदेश के किसानों को पानी की सख्त आवश्यकता है। एसवाईएल के पानी पर हरियाणा का हक है और इसे हरियाणा लेकर रहेगा क्योंकि उच्चतम न्यायालयसे हरियाणा के हक में कई बार फैसला आ चुका है। '' कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ''पानी के लिए कांग्रेस पार्टी और प्रदेशवासियों ने लंबी लड़ाई लड़ी है। उस संघर्ष को व उच्चतम न्यायालय के फैसले को अंजाम तक लाने में कि हरियाणा कांग्रेस अग्रणी भूमिका निभाने काम करेगी"