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संवाद सहयोगी, सुंदरनगर : लक्ष्मीनारायण मंदिर में ब्राह्माण सभा की ओर से आयोजित रामकथा के आठवें दिन सोमवार को श्रीहरिजी महाराज ने भरत चरित्र का वृतांत सुनाया। उन्होंने कहा भगवान स्वयं ही भरत बनकर आए क्योंकि भगवान की सेवा कैसे की जाती है ये बात बताने के लिए भगवान इस धराधाम में भक्त बनकर आते हैं तथा मानवों को ज्ञान प्रदान करते हैं। अयोध्या वापसी के लिए प्रभु श्रीराम के पास सभी जाते हैं तथा भरत भी श्रीराम से मिलने चित्रकूट जाते हैं। परंतु प्रभु कृपा करके अपनी पादुका उन्हें देते हैं। इन पादुकाओं से आज्ञा लेकर ही भरत सभी कार्य करते हैं। इस अवसर पर सैकड़ों लोगों ने कथा श्रवण किया।