आर्थक वकस क पर्यवरण पर प्रभव
उमाकांत पटेल जनता इंटर कॉलेज में सहायक शिक्षक हैं। वह छात्र-छात्राओं को भूगोल विषय पढ़ाते हैं। उनका मानना है कि जल संरक्षण के विविध रूप हैं। इसे हर कोई कर भी सकता है। यदि हम अपने घरों में पानी की फिजूलखर्ची को रोक लें, तो यह भी एक प्रकार का जल संरक्षण है। प्राणी को जीवन देने वाली एक एक बूंद का संकट निकट भविष्य में गहराता जाएगा। सबमर्सिबल व अन्य माध्यमों से जितना पानी हम उपयोग के लिए लेते हैं। उसे सहेजने का कर्तव्य भी उतना ही बनता है। उनका कहना है कि विद्यार्थियों को भी वह जल संचयन व संरक्षण के प्रति जागरूक कर औरों को भी जागरूक करने के लिए कहते हैं। कोरोना काल की वजह से वर्चुअल क्लास में यह कवायद की जा रही है। करीब पांच साल की कड़ी मेहनत से उन्होंने यह वाटिका तैयार की है।