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अंबेडकरनगर : ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लेने के लिए शहर की दौड़ लगानी पड़ रही है। 20 किलोमीटर के दायरे में कोई अस्पताल नहीं होने से गर्भवती महिलाओं को सबसे ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ता है। महरुआ क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर लोगों को कुछ नहीं मिल रहा है। लोगों को छीटी सी छोटी बीमारी के इलाज के लिए गांव से 20 से 30 किलोमीटर दूर जिला अस्पताल जाना पड़ता है। आपात स्थिति में मजबूरन लोग झोलाछाप या केमिस्टों से दवा लेकर उपचार करा रहे हैं। लालबहादुर पाल, जगदीश प्रसाद मौर्य, सीताराम सिंह, रणविजय सिंह, संदीप पाठक, डॉ. चंद्रभान यादव, चंद्रिका मिश्र, बद्री प्रसाद सिंह, राजदेव सिंह, पवन, हरिभान सिंह आदि का कहना है कि क्षेत्र में एक भी सरकारी अस्पताल नहीं है। कई बार हालत ज्यादा खराब होने पर मरीज जिला अस्पताल, सीएचसी कटेहरी या भीटी पहुंचते-पहुंचते दम तोड़ने के कगार पर पहुंच जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने के बारे में कई बार उच्चधिकारियों को पत्र लिखा गया, लेकिन आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला।